1 कुरिन्थियों 20
20 1 यह घटना वसन्त के मौसम की है, जब राजा युद्ध के लिए निकल पड़ते थे. सेना की अगुआई योआब कर रहा था. उन्होंने अम्मोन के वंशजों के देश को नाश कर दिया था. उन्होंने रब्बाह नामक नगर पर घेरा डाल दिया. मगर योआब ने रब्बाह पर हमला किया और उसे नाश कर दिया मगर इस मौके पर दावीद येरूशलेम में ही रहे. 2 दावीद ने उनके राजा के सिर से मुकुट उतार लिया. इस मुकुट का कुल भार लगभग पैंतीस किलो पाया गया. इस मुकुट में एक रत्न भी जड़ा हुआ था. यह मुकुट दावीद के सिर पर रख दिया गया. दावीद उस नगर से भारी मात्रा में लूटा हुआ सामान ले आए. 3 दावीद उन नगरवासियों को नगर से बाहर निकाल लाए और उन्हें आरियों, गेंतियों और कुल्हाड़ियों से होने वाले कामों में लगा दिया. दावीद ने अम्मोनियों के सभी नगरों के साथ यही किया. इसके बाद दावीद और सभी लोग येरूशलेम लौट गए. 4 इसके बाद गेज़ेर में फिलिस्‍तीनियों के विरुद्ध युद्ध छिड़ गया. इसमें हुशाथी सिब्बेकाई ने दैत्यों के वंशज सिप्पाई को मार गिराया, जिससे फिलिस्‍तीनीनी हार गए. 5 एक बार फिर फिलिस्‍तीनियों से युद्ध छिड़ गया. याईर के पुत्र एलहानन ने गाथ गोलियथ के भाई लाहमी को मार डाला, लाहमी के भाले की छड़ बुनकर के छड़ के बराबर थी. 6 तब एक बार फिर गाथ में युद्ध छिड़ गया. वहां एक बहुत ही विशाल डीलडौल का व्यक्ति था, जिसके हाथों और पांवों में छः-छः उंगलियां थीं-पूरी चौबीस. वह भी दानवों का ही वंशज था. 7 जब उसने इस्राएल पर व्यंग्य-बाण छोड़ने शुरू किए, दावीद के भाई शिमिया के पुत्र योनातन ने उसको मार दिया. 8 ये सभी गाथ नगर में दानवों का ही वंशज था. वे दावीद और उनके सेवकों द्वारा मार गिराए गए.